सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे रहने के कारण और इलाज | Cold Hands & Feet Treatment in Winter
![]() |
| सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे क्यों रहते हैं और इन्हें गर्म रखने के घरेलू उपाय। |
सर्दियों में ज़्यादातर लोगों के हाथ-पैर ठंडे रहना आम बात है। लेकिन कुछ लोगों के हाथ-पैर इतने ठंडे रहते हैं कि सुन्न-सुन्न लगने लगता है, काम करने में दिक्कत होती है और कभी-कभी दर्द भी होने लगता है। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर मामलों में यह कोई बड़ी बीमारी नहीं होती, बल्कि शरीर के ठंड से खुद को बचाने का तरीका होता है।
इस पोस्ट में हम बिल्कुल आसान भाषा में समझेंगे—
- हाथ-पैर ठंडे क्यों रहते हैं?
- क्या यह किसी बीमारी का संकेत है?
- कौन से घरेलू उपाय तुरंत राहत देते हैं?
- डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे रहने के मुख्य कारण
जब ठंड बढ़ जाती है, तो शरीर अपने आप ब्लड का ज्यादा हिस्सा अहम अंगों (दिल, दिमाग, फेफड़े) की तरफ भेजता है, ताकि उन्हें ठंड से बचाया जा सके। ऐसे में हाथ-पैर की तरफ खून कम पहुँचता है और वे ठंडे पड़ जाते हैं।
1. खराब रक्त संचार (Poor Blood Circulation)
यह सबसे बड़ा कारण है। जब हाथ-पैर तक खून ठीक से नहीं पहुँचता, तो वे जल्दी ठंडे हो जाते हैं।
2. Raynaud’s (रेनॉड्स प्रॉब्लम)
इसमें हल्की सी ठंड या तनाव में भी उंगलियाँ सफेद, नीली और फिर लाल पड़ने लगती हैं। हर किसी को नहीं होता, लेकिन जिनको होता है उन्हें काफी दिक्कत होती है।
3. शरीर में आयरन या विटामिन की कमी
आयरन, B12 और फोलिक एसिड की कमी में भी हाथ-पैर ठंडे बने रहते हैं।
4. कमज़ोर थायरॉयड (Hypothyroidism)
थायरॉयड कम होने पर शरीर का तापमान भी कम हो जाता है जिससे हाथ-पैर हमेशा ठंडे लगते हैं।
5. Low Blood Pressure
बीपी कम होने पर शरीर हाथ-पैर को कम रक्त भेजता है, इसलिए ठंडक महसूस होती है।
6. ज्यादा देर तक एक जगह बैठे रहना
लंबे समय तक बैठने से रक्त प्रवाह कम होता है और हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं।
7. Diabetes
शुगर लेवल ज़्यादा होने पर नसों पर असर पड़ता है, जिससे हाथ-पैर सुन्न और ठंडे लग सकते हैं।
सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे रहने के लक्षण
- उंगलियों का सुन्न हो जाना
- चुभन या झुनझुनी
- हाथ-पैर का रंग सफेद/नीला पड़ना
- ठंड से हल्की सूजन
- हाथ-पैर में दर्द
- गर्म कपड़े पहनने पर भी ठंड महसूस होना
हाथ-पैर ठंडे रहने के आसान घरेलू इलाज
1. गुनगुने पानी की सिंकाई
सबसे आसान और तुरंत असर वाला तरीका। एक बाल्टी में गुनगुना पानी लें और 5-10 मिनट हाथ-पैर डुबोकर रखें।
2. सरसों तेल की मालिश
सरसों तेल गर्म तासीर वाला होता है। हल्का गरम करके उंगलियों और पैरों के तलवों पर मालिश करने से तुरंत गर्माहट मिलती है।
3. अदरक का सेवन
अदरक शरीर को अंदर से गर्म रखता है।
4. गर्म पानी ज्यादा पिएँ
सर्दियों में लोग पानी कम पीते हैं जिससे blood flow धीमा हो जाता है।
5. मोज़े और ग्लव्स ज़रूर पहनें
ऊनी या थर्मल मोजे सबसे अच्छा असर दिखाते हैं।
6. दिन में थोड़ा-बहुत चलें
हल्की वॉक से blood circulation तुरंत बढ़ता है।
7. आयरन और B12 चेक कराएँ
कमी होने पर सप्लीमेंट की ज़रूरत पड़ सकती है।
8. गरम सूप और हर्बल चाय
बॉडी टेंपरेचर बढ़ाने में मदद मिलती है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
- उंगलियाँ नीली या सफेद रहने लगें
- चलते समय भी उंगलियाँ सुन्न पड़ जाएँ
- सांस चढ़ना + हाथ-पैर ठंडे रहना
- छाती में दर्द
- थायरॉयड के लक्षण
- शुगर हाई/लो होना
अधिक जानकारी के लिए ये भी पढ़े
👉पेट का गैस कैसे ठीक करे
👉खून को साफ करने का natural तरीका
10 Questions–Answers (FAQ)
1) सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे क्यों रहते हैं?
खून हाथ-पैर की बजाय जरूरी अंगों की तरफ जाता है, इसलिए ठंडक रहती है।
2) क्या यह बीमारी है?
ज्यादातर मामलों में नहीं, यह सामान्य प्रतिक्रिया है।
3) हाथ-पैर ठंडे होने में कौन-सी कमजोरी होती है?
आयरन, B12, फोलिक एसिड की कमी।
4) Raynaud’s क्या होता है?
हल्की ठंड में उंगलियाँ सफेद-नीली हो जाना।
5) तुरंत गर्म कैसे करें?
गुनगुना पानी, सरसों तेल मालिश, गर्म मोजे।
6) क्या थायरॉयड से हाथ-पैर ठंडे रहते हैं?
हाँ, Hypothyroidism में ऐसा होता है।
7) क्या लो BP से भी ठंडक रहती है?
हाँ, क्योंकि circulation धीमा हो जाता है।
8) क्या शुगर मरीजों को भी यह समस्या होती है?
हाँ, नसों पर असर से हाथ-पैर ठंडे या सुन्न रहते हैं।
9) कौन-सी जांच करानी चाहिए?
CBC, आयरन, B12, थायरॉयड, शुगर।
10) क्या गर्म पानी पीने से फायदा होता है?
हाँ, circulation बढ़ता है और शरीर गर्म रहता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
सर्दियों में हाथ-पैर ठंडे रहना ज्यादातर सामान्य बात है और साधारण घरेलू उपायों से ठीक हो जाता है। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है या उंगलियाँ रंग बदल रही हैं, तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
Disclaimer: Deshinuskhe.com पर दी गई सभी जानकारी केवल शिक्षा और सामान्य दिशा-निर्देश के लिए है। किसी भी घरेलू नुस्खे या हेल्थ टिप को अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। आपके स्वास्थ्य संबंधी निर्णयों की पूरी जिम्मेदारी आपकी स्वयं की होगी

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें